बॉलीवुड में कितने ही हीरो आए और चले गए, लेकिन ऐसे कुछेक ही हैं, जिनके किस्सों का जिक्र किए बिना हिंदी फिल्मों का इतिहास अधूरा रह जाएगा। देव आनंद भी ऐसे ही सितारों में से एक थे। 1923 में उनका जन्म पंजाब के गुरदासपुर में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था।
अपने दौर में रूमानियत और फैशन आइकन रहे देव आनंद को लेकर यूं तो कई किस्से मशहूर हैं, लेकिन इन सबसे खास उनके काले कोट पहनने से जुड़े किस्से हैं। देव आनंद ने एक दौर में व्हाइट शर्ट और ब्लैक कोट को इतना पॉपुलर कर दिया था कि लोग उन्हें कॉपी करने लगे। फिर एक दौर वह भी आया जब देव आनंद पर पब्लिक प्लेसेस पर काला कोट पहनने पर बैन लगा दिया गया।
अपने दौर के सबसे सफल एक्टर रहे देव आनंद अपने काले कोट की वजह से बहुत सुर्खियों में रहे। देव आनंद अपने अलग अंदाज और बोलने के तरीके के लिए काफी मशहूर थे। सफेद कमीज और काले कोट के फैशन को देव आनंद ने पॉपुलर बना दिया। इसी दौरान एक वाकया ऐसा भी देखने को मिला जब कोर्ट ने उनके काले कोट को पहन कर घूमने पर पाबंदी लगा दी।
इसकी वजह बेहद दिलचस्प और थोड़ी अजीब भी थी। दरअसल कुछ लड़कियों के उनके काले कोट पहनने के दौरान आत्महत्या की घटनाएं सामने आईं। ऐसा शायद ही कोई एक्टर हो जिसके लिए इस हद तक दीवानगी देखी गई और कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा।
देव आनंद का असली नाम धर्मदेव पिशोरीमल आनंद था। उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में अपनी स्नातक की शिक्षा 1942 में लाहौर में पूरी की। देव आनंद आगे भी पढ़ना चाहते थे, लेकिन उनके पिता ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि उनके पास उन्हें पढ़ाने के लिए पैसे नहीं हैं। अगर वह आगे पढ़ना चाहते हैं तो नौकरी कर लें। यहीं से उनका और बॉलीवुड का सफर भी शुरू हो गया।