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चांद पर छिपा है अरबों का खजाना, अमेरिका और चीन के बीच में बढ सकती है टेंशन

रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच दुनिया में एक नई विश्‍व व्‍यवस्‍था बनती दिख रही है। उधर, धरती से हजारों किमी दूर चांद पर यह बड़ा बदलाव पहले से ही शुरू हो गया है। करीब 50 साल पहले अपोलो और स्‍पुतनिक मिशन की तरह से ही दुनिया के नेता अब एक बार फिर से अंतर‍िक्ष में आधिपत्‍य स्‍थापित करने की होड़ में जुट गए हैं।

अमेरिका और सोवियत संघ के बीच संयुक्‍त राष्‍ट्र में नियम निर्धारित थे

हालांकि पहले की तुलना में इसमें एक अंतर है। 1960 से 70 के दशक में अमेरिका और सोवियत संघ के बीच संयुक्‍त राष्‍ट्र में नियम निर्धारित थे लेकिन अभी दुनिया की शीर्ष महाशक्तियां भविष्‍य में होने वाले अंतरिक्ष अभियानों के लि ए मूलभूत सिद्धांतों पर भी सहमत नहीं हो पा रही हैं।

चीन का अंतरिक्ष में अभियान खतरनाक

एक अनुमान के मुताबिक चांद पर बड़े पैमाने पर हीलियम 3 छिपी हुई है और इसीलिए दुनियाभर के देश इसके पीछे भाग रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक 3 चम्‍मच हीलियम-3 धरती के 5000 टन कोयले के बराबर है। ब्‍लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका और चीन का अंतरिक्ष में अभियान खासतौर पर खतरनाक है, वह भी तब जब अंतरिक्ष उपग्रहों की भीड़ से भर गया है।

डिजिटली दुनिया के साथ कदम ताल करना उद्देश्य

एलन मस्‍क, जेफ बेजोस जैसे अरबपतियों से लेकर रवांडा और फिलीपीन्‍स तक खुद का सैटलाइट लॉन्‍च कर रहे हैं। इनका मकसद डिजिटली दुनिया के साथ कदम ताल करना है और व्‍यवसायिक अवसरों की तलाश करना है। अमेरिका और चीन का बहुत कुछ इसको लेकर दांव पर लगा है लेकिन दोनों के बीच मतभेद काफी बढ़ते जा रहे हैं।

अरबों डॉलर के खनिज पदार्थ छिपे हुए हैं

अंतरिक्ष में चीन और अमेरिका के सहयोग नहीं करने से स्‍पेस में हथियारों की होड़ शुरू होने का खतरा पैदा हो गया है। इसके अलावा चांद पर अरबों डॉलर के खनिज पदार्थ छिपे हुए हैं, जिन्‍हें निकालने के लिए भी दोनों देशों के बीच संघर्ष छिड़ सकता है। ऑस्‍ट्रेलिया के रक्षा मंत्रालय के एक पूर्व अधिकारी मैल्‍कम डेविस ने कहा, ‘पश्चिमी में हमारी चिंता यह है कि सड़क पर चलने का रास्‍ता कौन तय करेगा, खासतौर पर संसाधनों तक पहुंच।’

2030 के दशक तक एक चीनी कंपनी चांद पर होगी

डेविस ने कहा, ‘सबसे बड़ा खतरा यह है कि आपके पास दो अलग-अलग नियम हैं। आप पा सकते हैं कि साल 2030 के दशक तक एक चीनी कंपनी चांद पर होगी और पूरे दक्षिण चीन सागर की तरह से चांद के संसाधनों पर अपना दावा कर सकती है।’

अमेरिका यूक्रेन और ताइवान में तनाव को बढ़ा रहा है

अंतर‍िक्ष अब तक ऐसी जगह थी जहां पर मानवता के हित के लिए विरोधी देश भी एक साथ आ गए थे। हालांकि अब अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगी देश चीन और रूस के साथ चल रही प्रतिस्‍पर्द्धा को अंतरिक्ष तक लेकर पहुंच गए हैं। चीन और रूस का आरोप है कि अमेरिका यूक्रेन और ताइवान में तनाव को बढ़ा रहा है। चीन के सरकारी मीडिया ने चेतावनी दी है कि अमेरिका अब ‘अंतरिक्ष में नाटो’ बनाना चाहता है।

Team Hindustan Coverage

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