देश के 12 राज्यो में बिजली संकट (power crisis in india) पैदा हो सकता है। कोयले के कम भंडार की वजह से एसा हो सकता है। अखिल भारतीय बिजली महासंघ ने सोमवार को चेतावनी देते हुए कहा कि, “हमने घरेलू तापीय बिजली संयंत्रों को चलाने के लिए जरूरी कोयला भंडार (depletion of coal reserves in india) में कमी की तरफ केंद्र एवं राज्यों की सरकारों का ध्यान आकृष्ट किया है। हमने चेतावनी दी है कि 12 राज्यों में बिजली संकट पैदा होने का खतरा मंडरा रहा है।”
कोयला स्टॉक नहीं रहने से यह संकट गहरा सकता है- महासंघ ने कहा कि अक्टूबर 2021 से ही देश के 12 राज्यों में कोयला आपूर्ति का संकट देखा जा रहा है। महासंघ के प्रमुख शैलेंद्र दुबे ने कहा कि तापीय विद्युत संयंत्रों में बिजली पैदा करने के लिए जरूरी मात्रा में कोयला स्टॉक नहीं रहने से यह संकट गहरा सकता है। खासतौर पर देशभर में गर्मियों के दौरान बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए इसका खतरा और बढ़ गया है। उन्होने कहा कि अक्टूबर 2021 में बिजली की आपूर्ति मांग से 1.1 प्रतिशत कम थी, लेकिन अप्रैल 2022 में यह फासला बढ़कर 1.4 फीसदी हो गया है।
UP में बिजली की मांग बढ़कर 21,000 मेगावॉट पर पहुंची- इसका नतीजा यह हुआ है कि आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, झारखंड एवं हरियाणा जैसे राज्यों में बिजली कटौती होने लगी है। उत्तर प्रदेश में भी बिजली की मांग बढ़कर 21,000 मेगावॉट पर पहुंच गई है लेकिन आपूर्ति सिर्फ 19,000-20,000 मेगावॉट की ही हो रही है। उन्होंने मौजूदा स्थिति में सरकार से तापीय विद्युत संयंत्रों में कोयला आपूर्ति तत्काल सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि सरकार को इसके लिए फौरन जरूरी कदम उठाने चाहिए।
प्रबंधन की दूरदर्शिता की कमी के कारण ऐसी स्थिति- उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में स्थित अनपरा ताप-बिजली परियोजना में 5.96 लाख टन कोयले का स्टॉक होना चाहिए लेकिन अभी उसके पास सिर्फ 3.28 लाख टन कोयला ही है। दुबे ने बिजली उत्पादन संयंत्रों के कामकाज पर पड़ रहे असर के बारे में कहा, ‘यह स्थिति प्रबंधन की दूरदर्शिता की कमी के कारण पैदा हुई है। पिछले साल अक्टूबर में भी परीछा संयंत्र को कोयला नहीं मिलने के कारण बंद करना पड़ा था।