भारत में व्रत और उपवास रखने का चलन काफी पूराना है जो कहीं ना कहीं उपवास रखने के फायदे को दिखाता है आमतौर पर हमारे समाज में लगभग हर धर्म के लोग किसी न किसी रुप में व्रत या उपवास रखते हैं। इस्लाम धर्म के लोग रोजा के रुप में उपवास रखते हैं जबकि हिंदू धर्म में विभिन्न त्योहारों, व्रतों एवं शरीर की शुद्धि के लिए उपवास रखा जाता है। प्राचीन काल से ही भारत में व्रत और उपवास का बहुत महत्व है और आज भी लोग उसी तरह से व्रत का महत्व समझते हैं। इस लेख में हम आपको उपवास के फायदे के बारे में बताने जा रहे हैं।
उपवास के फायदे:
वजन कम करने की इच्छा रखने वालों के लिए उपवास अच्छा विकल्प होता है। उपवास से शरीर में फैट को कम करने में मदद मिलती है। जो लोग ज्यादा खाना खाने के आदती होते हैं उन्हें उपवास जरूर रखना चाहिए। उपवास से भूख भी नियंत्रित रहती है, जिससे वजन बढ़ने की संभावनाओं पर विराम लग जाता है।
उपवास करने से उम्र भी बढ़ती है क्योंकि उपवास करने से शरीर को नुकसान पहुँचाने वाले तत्व तथा अन्य हानिकारक औरअपशिष्ट पदार्थ/तत्व शरीर से बाहर निकल जाते हैं जिससे शरीर साफ़ होता है और इसके परिणामस्वरूप शरीर के सभी अंग ठीक से काम करते हैं। इसके अलावा शरीर में कम समस्याएं होती हैं और शरीर स्वस्थ रहता है और जिससे आयु में वृद्धि होती है।
उपवास आपके शरीर के विषैले तत्वों को बाहर निकाल फेंकता है। शरीर में जमा विषैले तत्व श्लेष्मा, थूक, पसीना, उल्टियाँ, कभी-कभी दस्त के रूप में बाहर निकलते हैं। यही वजह है कि जो लोग लंबे उपवास (3 दिन या 7 दिन) करते हैं, उनकी साँसों से दूसरे दिन ही बास आने लगती है।
व्रत का हमारे पाचन तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। महीने में कम से कम तीन बार उपवास रखने से हमारी पाचन क्रिया दुरुस्त होती है। व्रत के दौरान हमारे पेट और लीवर को काफी आराम मिलता है।
उपवास के दौरान आप फलाहार के अलावा खाने पीने पर अधिक ध्यान नहीं देते, जबकि तरल पदार्थों का सेवन अधिक करते हैं। इस तरह से आपके शरीर में पानी की कमी भी पूरी होती है और त्वचा हाइड्रेट होती रहती है। उपवास करने से मेटाबोलिज्म खास प्रभावी होता है। जिससे हार्मोन्स, गुर्दे, लीवर, आरबीसी इत्यादि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
यह आर्थराइटिस, अस्थमा, उच्च रक्तचाप, हमेशा बनी रहने वाली थकान, कोलाइटिस, स्पास्टिक कोलन, इरिटेबल बॉवेल, लकवे के कई प्रकारों के साथ-साथ न्यूराल्जिया, न्यूरोसिस और कई तरह की मानसिक बीमारियों में फायदेमंद साबित होता है। माना तो यहाँ तक जाता है कि इससे कैंसर की बीमारी तक ठीक हो सकती है क्योंकि उपवास से ट्यूमर के टुकड़े तक हो जाते हैं। यह नहीं भूलना चाहिए कि लीवर के कैंसर में उपवास कारगर नहीं होता।
उपवास करने का एक सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे शरीर में हीलिंग प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है। दरअसल, जब भोजन पेट में मौजूद नहीं होता है, तो शरीर पाचन के बजाय अन्य महत्वपूर्ण कार्यों जैसे चयापचय गतिविधि और प्रतिरक्षा प्रणाली पर ध्यान केंद्रित करता है। कई रिसर्च में भी इस बात की पुष्टि हुई है। यहां तक कि एथलीटों को प्रशिक्षण के दिनों में उपवास करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि अतिरिक्त वसा को बहाया जा सके और मांसपेशियों की वृद्धि को अनुकूलित किया जा सके।
उपवास रखने से आपका इम्यून सिस्टम यानी रोगों से लड़ने की क्षमता भी बेहतर होती है क्योंकि यह शरीर में मौजूद फ्री रैडिकल्स से होने वाले नुकसान को कम करता है, शरीर में किसी भी तरह की सूजन और जलन की समस्या को कम करता है। अब आपकी इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग रहेगी तो जाहिर सी बात है आप बीमार नहीं पड़ेंगे।
व्रत रखने से त्वचा में नयापन आता है। क्योंकि व्रत में पानी का अधिक सेवन करने से शरीर के विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। इसके अलावा फलों का सेवन करने से मिलने वाले पौषक तत्व मिलते हैं, जिससे नई त्वचा कोशिकाएं बनने में मदद मिलती है। ऐसे में त्वचा से दाग धब्बे कम होते हैं और स्किन बेदाग बनती है।
जिन लोगों को डायबीटीज का खतरा है उनके लिए उपवास रखना फायदेमंद हो सकता है क्योंकि फास्टिंग करने से ब्लड शुगर कंट्रोल बेहतर तरीके से हो पाता है। इतना ही नहीं टाइप 2 डायबीटीज के मरीज अगर थोड़े समय के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग रखें तो उनके ब्लड शुगर लेवल में भी काफी कमी आ जाती है। साथ ही उपवास रखने से इंसुलिन रेजिस्टेंस घटता है और शरीर में इंसुलिन के प्रति सेंसिटिविटी बढ़ती है जिससे खून में मौजूद ग्लूकोज को कोशिकाओं तक पहुंचाना आसान हो जाता है।
उपवास रखना कैंसर में बेहद फायदेमंद होता है। व्रत करने से शरीर में नई कैंसर कोशिकाओं का बनना कम हो जाता है। क्योंकि कैंसर अनियंत्रित कोशिकीय वृद्धि वाली बीमारी है। इसके साथ ही उपवास शरीर को कोशिकाओं से कुछ विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में मदद करता है और अंगों में आने वाली सूजन को भी खत्म करने में मदद मिलती है।