1999 के कारगिल युद्ध में कैप्टन विक्रम बत्रा ने बलिदान देकर देश की रक्षा की थी। उनका यह साहसिक कदम आज हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है। निर्देशक विष्णु वर्धन ने कैप्टन विक्रम बत्रा की शहादत को अपनी फिल्म ‘शेर शाह’ के जरिए देश और दुनिया के सामने पेश किया है,
जिसमें अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा और अभिनेत्री कियारा आडवाणी ने अपने शानदार अभिनय से सभी का दिल जीत लिया है। इसी फिल्म से लोगों को विक्रम बत्रा और डिंपल चीमा के अटूट प्यार के बारे में पता चला है, जिसमें दोनों ने एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खाई थीं और डिंपल चीमा ने आज तक इन्हीं कसमों को निभाया है.
विक्रम बत्रा के भाई विशाल बत्रा ने कई इंटरव्यू में अपने भाई से जुड़ी छोटी बातों पर खुलकर बात की है, जिस पर हर भारतीय को गर्व है। इसी बीच उन्होंने अब डिंपल चीमा के साथ अपनी आखिरी बातचीत के बारे में एक इंटरव्यू में बताया है, जिसमें डिंपल ने विशाल से उनकी और विक्रम बत्रा की शादी से जुड़ा एक सवाल पूछा था। आइए आपको बताते हैं उन्होंने क्या कहा।
विशाल बत्रा ने ई-टाइम्स को एक इंटरव्यू दिया है, जिसमें उन्होंने डिंपल चीमा से अपनी मुलाकात के बारे में बताया है, जब दोनों विक्रम बत्रा की शहादत से पहले मिले थे। इसी बीच डिंपल चीमा ने विशाल बत्रा से कुछ ऐसा कह दिया था जिसे विशाल आज तक नहीं भूल पाए हैं। विशाल ने कहा कि डिंपल ने उनसे पूछा था कि क्या वह उनकी शादी में डांस करेंगे। विशाल ने कहा, ‘मुझे याद है, उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन से छह दिन पहले, डिंपल और मैं एक साथ लंच कर रहे थे।
वह मुझे विदा करने आई थी। मैं किसी काम से दिल्ली जा रहा था। उसने मुझसे कहा, ‘जब विक्रम वापस आएगा, तो तुम हमारी शादी में नाचोगे ना?’ मैंने कहा, ‘बेशक, मैं नाचूंगी।’ इस एक सवाल से साफ है कि डिंपल चीमा कैप्टन विक्रम बत्रा से अपनी शादी को लेकर काफी एक्साइटेड थीं।
इससे पहले विक्रम बत्रा के पिता गिरिधर लाल बत्रा ने ई-टाइम्स को एक इंटरव्यू दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि, आज डिंपल उन सभी को अपना परिवार मानती हैं और वह साल में दो बार फोन जरूर करती हैं। गिरिधर बत्रा ने कहा था, ”डिंपल साल में दो बार हमें जन्मदिन के मौके पर बुलाती हैं. उसके माता-पिता ने भी उससे यही बात कही थी, लेकिन उन्होंने हमसे कहा कि वह शादी नहीं करेगी और बाकी की जिंदगी विक्रम की यादों के साथ गुजारेगी।’
कारगिल युद्ध में कैप्टन विक्रम बत्रा उर्फ ’शेर शाह’ को अपने जवानों के साथ प्वाइंट 4875 चोटी पर तिरंगा फहराना था और उन्होंने इस मिशन को पूरा भी किया, लेकिन अपनी शहादत से। प्वाइंट 4875 पीक कारगिल में उनके बलिदान के बाद से ‘बत्रा टॉप’ के रूप में जाना जाता है। वहीं, विक्रम बत्रा को उनके बलिदान के लिए मरणोपरांत सर्वोच्च वीरता पुरस्कार ‘परमवीर चक्र’ से सम्मानित किया गया था।
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