क्या कभी आप ऐसा सोच भी सकते हैं। कि इस दुनिया में ऐसे सैकड़ों खूबसूरत कस्बे और शहर हैं। जहां एक भी इंसान नहीं रहता है। इनकी लोकेशन और नेचुरल ब्यूटी के अलावा यहां ऐसी कई चीजें हैं जो आपको हैरान कर देंगी कि आखिर ये इलाके वीरान क्यों हैं। आखिर यहां क्यों कई दशकों से सन्नाटा पसरा है।
पश्चिम अफ्रीका का ग्रैंड-बासम:कभी दुनियाभर की सुविधाओं से गुलजार रहे इन इलाकों को पता नहीं किसकी नजर लग गई या किसी का श्राप लग गया जो अब यहां पक्षियों के अलावा कोई जीव नजर नहीं आता। ग्रैंड-बासम से काफी दूर आज भी एक संपन्न आबादी रहती है। लेकिन इस क्षेत्र के सबसे बेहतरीन इलाके और इमारतें कई दशकों से खाली हैं। ये रिसॉर्ट सिटी अब यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है। 15वीं सदी तक ये एकदम समृद्ध और भरी पूरी आबादी वाला इलाका था।
हाशिमा आइलैंड, जापान:
इस आइलैंड को हाशिमा द्वीप के नाम से भी जाना जाता है। यह आइलैंड नागासाकी से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर है। मिस्तुबिशी ने इस आइलैंड को साल 1890 में खरीदा था और यहां जापान की पहली सबसे बड़ी नौ मंजिला कंक्रीट की इमारत का निर्माण कराया था। करीब 16 एकड़ में फैले इस आइलैंड पर साल 1959 में पांच हजार से भी ज्यादा लोग रहते थे। उस समय यह द्वीप दुनिया की सबसे घनी आबादी वाली जगहों में शुमार हो गया था। इस आइलैंड के पास ही एक कोयले की खदान थी, जहां 1887 से लेकर 1974 तक कोयले के खनन का काम हुआ। खदान में काम करने वाले मजदूर इसी आइलैंड पर रहते थे। लेकिन खदान बंद हो गई तो यहां रहने वाले लोगों ने भी आइलैंड छोड़ दिया। तब से यह वीरान ही पड़ा है।
क्रैको, इटली:
इटली के सुदूर दक्षिण में स्थित, क्रेको की शानदार वास्तुकला इसे दुनिया के सबसे अधिक देखे जाने वाले वीरान शहरों में से एक बनाती है। 1960 के दशक में सीवेज की समस्या और पानी की कमी के बाद भूस्खलन की घटनाओं के बाद लोगों ने इस इलाके को छोड़ना शुरू कर दिया और 1980 में ये इलाका पूरी तरह वीरान हो गया।
कोलमंसकॉप, नामीबिया:
नामीबिया के इस इलाके की कई इमारतें रेत में आधी डूबी हैं। कोलमंसकॉप के खंडहर बताते हैं कि ये इलाका कभी बेहद नायाब था। ये रेगिस्तान के बीच में एक गुलजार शहर था। जर्मनी के लोगों की दिलचस्पी और हीरे की खदान का काम पूरा 1956 में इस इलाके के वीरान होने की शुरुआत हुई। सन्नाटे को चीरती टूरिस्ट दूर दूर से रेत की खूबसूरती देख सकते हे।