लेपाक्षी में लटका स्तंभ, आंध्र प्रदेश
लेपाक्षी मंदिर में 70 खंभों के अलावा एक स्तंभ हवा में लटका हुआ है। यह बिना सहारे के मौज़ूद है। लोग मंदिर में आते हैं और स्तंभ के नीचे से वस्तुओं को गुज़ारते हैं। उनका मानना है कि ऐसा करने से उनके जीवन में ख़ुशहाली आएगी। लोगों का यह भी विश्वास है कि यह भगवान शिव का चमत्कार है।
बिना दरवाजों के मकान, महाराष्ट्र
शनि शिंगणापुर अहमदनगर से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक छोटा सा गांव हैं। शनि शिंगणापुर में प्रसिद्ध शनि मंदिर भी है। शनि शिंगणापुर गाँव के घरो, स्कूलों और यहां तक इस गांव के किसी भी इमारत में कोई भी दरवाज़ा नहीं है। इस के बावजूद यहाँ एक भी अपराध नहीं होता है। गांव में अपराध दर शून्य है।
कंकालों की झील-रूपकुंड झील, चमोली (उत्तराखंड)
रूपकुंड झील हिमालय के एक निर्जन हिस्से में 16500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। यह झील हिम से ढंकी रहती है और इसके आसपास चट्टानी ग्लेशियर स्थित है। इस स्थान के बारे में सर्वाधिक रहस्यमई बात यह है कि यहाँ पर 600 मानवीय कंकाल मिले थे। इनका संबंध 9 ईस्वी से माना जाता था। जब हिम पिघलती है झील के संकरे तल में से ये कंकाल दिखाई देने लगते है।
ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया, कुंभलगढ़ किला
आपने चीन की महान दीवार के बारे में सुना होगा, वैसे ही आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कुंभलगढ़ किला भी एक विशाल दीवार को समेटे हुए है, जो कुंभलगढ़ किले की परिधि के आसपास बनी है; जो 36 किलोमीटर की दूरी पर बनी हुई है। आपको यह जानकर भी हैरानी हो सकती है कि इसकी चोड़ाई इतनी है कि आठ घोड़े एक साथ दोड़ सकते हैं। यह दीवार भारत में संरक्षित विरासत स्थलों में से एक है। यह चीन के बाद दूसरी सबसे बड़ी दीवार है। इसके अलावा, यह अभी भी अधिकांश खोजकर्ताओं के रहस्मय बनी हुई है। किंवदंतियों के अनुसार, इस दीवार को किले के अंदर स्थित 3000 प्रधान मंदिरों की रक्षा के लिए बनाया गया था।
जुड़वां बच्चों का स्थान – कोडिनी (केरला)
जुड़वां बच्चों की पैदाइश के मामले में यूं तो भारत सबसे पीछे है लेकिन केरला का एक गांव इस बात को गलत साबित कर रहा है। जी हां, ये भारत का एक अकेला ऐसा स्थान है जहां सबसे ज्यादा जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं। मलप्पुरम जिले के कोडिनी इलाके में न जाने क्या अजीब बात है कि यहां आश्चर्यजनक रूप से जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं। वास्तव में, यह कहा गया है कि गांव में जुड़वां लोगों के 200 से अधिक जोड़े हैं और इसमें ऐसे बच्चे भी शामिल हैं जिनकी माताओं का दूर-दूर के इलाकों से परिवारों में विवाह किया गया है। हालांकि डॉक्टरों का मानना है कि क्षेत्र के पानी में कुछ रसायनों की मौजूदगी से ऐसी घटना हो सकती है। हालांकि वास्तविक कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है।