5 महीने की बच्ची तीरा कामत मुंबई के एक अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही है। उसे एसएमए टाइप 1 बीमारी है। इसका उपचार केवल अमेरिका से आने वाले ज़ोलगेन्समा इंजेक्शन से संभव है। यह करीब 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन है। इस पर 6.5 करोड़ रुपये का कर अलग से देना पड़ता है।
यह इंजेक्शन इतना महंगा है कि आम आदमी के लिए इसे खरीदना पर्याप्त नहीं है। यह तीरा के परिवार के लिए भी मुश्किल है। उसके पिता एक आईटी कंपनी में काम करते हैं। उनकी मां एक इलस्ट्रेटर हैं। इसमें उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पेज बनाया है और उस पर फंडिंग शुरू की है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था। जिसके बाद इस इंजेक्शन पर लगने वाले टैक्स में छूट दे दी है।
देवेंद्र फड़नवीस ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा और बाहर से आने वाले इंजेक्शनों के लिए कर में छूट की अपील की क्योंकि लड़की का इलाज किया जा सकता है। जिस पर पीएमओ की ओर से कार्रवाई की गई है और कर में छूट दी गई है।
तीरा कामत को इलाज के लिए 13 जनवरी को मुंबई के एसआरसीसी चिल्ड्रन अस्पताल में भर्ती कराया गया था और अब इसे वेंटिलेटर पर रखा गया था।
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