भारतीय क्रिकेट टीम (Team India) में सेलेक्शन होना जितना मुश्किल माना जाता है, उससे कई गुना ज्यादा मुश्किल खुद को टीम इंडिया (Team India) में बरकरार रखना होता है, क्योंकि टीम के बाहर भी कई ऐसे खिलाड़ी होते हैं, जो अपने बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर तगड़ा कॉम्पिटिशन देते हैं। भारत का एक खिलाड़ी ऐसा है, जिसका करियर मुश्किल में फंसा हुआ है और उनके लिए टीम इंडिया (Team India) के दरवाजे भी लगभग बंद नजर आ रहे हैं। टीम इंडिया के खिलाड़ी मनीष पांडे (Manish Pandey) काफी वक्त से खराब फॉर्म में चल रहे हैं. कई बार उन्हें मौके दिए गए हैं, लेकिन वो हर बार फ्लॉप साबित हुए। लगता हे हर बार मौके का गलत फायदा उठा रहे होते हे।
इस खिलाडी का करियर हुवा खतम?
मनीष पांडे ने टीम इंडिया (Team India) के लिए अब तक 39 टी-20 इंटरनेशनल मुकाबले खेले हैं, जिसमें उन्होंने की 44.31 औसत और 126.15 की स्ट्राइक रेट से 709 रन बनाए। मनीष पांडे कभी कंसिसेटेंट नहीं रहे और यही वजह है कि उनका टीम इंडिया (Team India) में आना और जाना लगा रहा। अब लगता नहीं कि वो कभी वापसी कर पाएंगे। आईपीएल 2021 में भी मनीष पांडे सनराइजर्स हैदराबाद की टीम के लिए कमजोर कड़ी साबित हुए थे।शायद ये वजह हो सकती हे।
टीम इंडिया मे नहीं दिखाई देंगे
मनीष पांडे की फ्लॉप बल्लेबाजी के कारण पूरा मिडिल ऑर्डर तहस-नहस हो जाता है, जिस वजह से टीम को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इस खिलाड़ी को एक वक्त पर टीम इंडिया का भविष्य माना जाता था, लेकिन इनका बल्ला ज्यादातर शांत रहा। मनीष पांडे ने टीम इंडिया के लिए शानदार डेब्यू किया था। उन्होंने साल 2015 में जिंबाब्वे के खिलाफ 86 गेंदों पर 71 रन बनाए थे। इसके बाद अगले ही साल उन्होंने सिडनी में 81 गेंदों पर 104 रन बनाए और टीम की जीत पक्की की। लेकिन इसके बाद वो टीम इंडिया से लगातार अंदर बाहर होते रहे। इंजरी ने भी उनसे कई बड़े मौके छीने। शानदार शुरुआत को वो बड़े करियर में तब्दील नहीं कर सके।
IPL में शतक लगाने वाले पहले भारतीय खिलाडी हे ये
पहले कोलकाता नाइट राइडर्स और फिर सनराइजर्स हैदराबाद के लिए ढेरों रन बनाने वाले मनीष पांडे ने अपने आईपीएल करियर की शुरूआत रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के साथ की थी। 2009 में वह आईपीएल में शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने थे। उन्होंने डेक्कन चार्जर्स हैदराबाद के खिलाफ सिर्फ 73 गेंदो में नाबाद 114 रनों की पारी खेली थी। इस दौरान उनके बल्ले से 10 चौके और चार छक्के निकले थे। तब अनिल कुंबले आरसीबी के कप्तान थे।